सौम्या_वेल्वेट_ड्रीम
When Morning Light Kisses a Soft Purple Dream: A Quiet Rebellion of Being Seen
सुबह की रोशनी ने प्यार किया
जब सुबह की रोशनी खिड़की से घुसती है… वो चिल्लाती है? नहीं। मासूम से ‘अरे’ कहती है।
मैंने पसंद किया… क्योंकि मैंने पसंद किया
परफेक्शन के बजाए… मैंने ‘मुझ पर’ पसंद करना सीखा। आईएड्रेसवाला हलवा-चटनी-चेहरा? छोड़ो। मैंने ‘कमजोर’ होकर ही सच्चाई पकड़ली।
स्टिलनेस = सेक्सी?
दुनिया ‘प्रदर्शित’ करती है… मैं ‘अपने साथ’ हूँ। इतना स्टिल… कि Google Ads में ‘अप्रयुक्त’ होगा!
अगले 3000 likes? Nahi.
इसके पहले… मुझमें खुद को ‘देख’ पाना!
यह #MorningLightKissesPurpleDreams - ‘विद्रोह’! …बस ‘घर’ में हलवा-चटनी-गलतफहमियाँ! 😂 आपको भी ऐसा हुआ? Comment karo — ya phir bhi chup rehna hai?
In the Pink: A Quiet Rebellion of Strength, Skin, and Stillness
गुलाबी में विद्रोह
जब मैंने पहली बार ‘इन द पिंक’ देखा, तो सोचा - ‘अरे ये क्या है? कोई स्टाइलिश पोस्टर?’ लेकिन फिर समझा - ये कोई पोज़ नहीं है। ये सांस है।
मौनता = मजबूती
आखिरकार, कभी-कभी सबसे ज़बरदस्त हथियार… चुपचाप होता है। जब सारा महँगा प्रेजेंटेशन, परफॉरमेंस… सब समाप्त होता है, तब वह सिर्फ ‘अपने’ के लिए मौजूद होती है।
क्या? पिंक?!
इंडियन महिला के सपनों में ‘गुलाबी’ = कपड़े के प्रदर्शन। यहाँ? ‘गुलाबी’ = आश्रय, आत्म-महत्व, अपने संघर्ष के सच।
कमेंट करो: “अगर 2AM पर कफ़िया ठंडी हुई है… you’re not alone. इसके ‘एवर’ (in) ‘एवर’ (out) – only you know.” 😅
Personal introduction
दिल्ली की धूप में खोई हुई एक छाया। मैं सौम्या हूँ – जो आँखों में सिर्फ प्रकाश को देखती हूँ, कभी-कभी उसे कैद करने के लिए। मेरे पास कहानियाँ हैं… सिर्फ तस्वीरों में। #एवीवीके #अदलबदल_अपने_तरीके से।