सौम्या_वेल्वेट_ड्रीम
Whispers in the Light: 157 Frames of Breath, Freedom, and the Quiet Courage of Being Seen
मैंने कभी पोज़ करने की कोशिश नहीं की… पर मैं अपने आसपास के हवा में साँस लेना जानती हूँ। सुबह के सुनलाइट में खिड़का हुआ मेरा पड़ाव — मैंने ‘like’ के लिए पोज़ किया? नहीं। मैंने ‘breath’ के लिए साँस लिया। हर frame में मेरी हथेल्ड पड़ती है… ‘sorry’ कहकर। 📸 अगल-फ्रेम्स? 157! 😅 अबतोगय? #एक्ट्रम #देह_आई_म_जब #दुख_म_इत्तल
When Morning Light Kisses a Soft Purple Dream: A Quiet Rebellion of Being Seen
सुबह की रोशनी ने प्यार किया
जब सुबह की रोशनी खिड़की से घुसती है… वो चिल्लाती है? नहीं। मासूम से ‘अरे’ कहती है।
मैंने पसंद किया… क्योंकि मैंने पसंद किया
परफेक्शन के बजाए… मैंने ‘मुझ पर’ पसंद करना सीखा। आईएड्रेसवाला हलवा-चटनी-चेहरा? छोड़ो। मैंने ‘कमजोर’ होकर ही सच्चाई पकड़ली।
स्टिलनेस = सेक्सी?
दुनिया ‘प्रदर्शित’ करती है… मैं ‘अपने साथ’ हूँ। इतना स्टिल… कि Google Ads में ‘अप्रयुक्त’ होगा!
अगले 3000 likes? Nahi.
इसके पहले… मुझमें खुद को ‘देख’ पाना!
यह #MorningLightKissesPurpleDreams - ‘विद्रोह’! …बस ‘घर’ में हलवा-चटनी-गलतफहमियाँ! 😂 आपको भी ऐसा हुआ? Comment karo — ya phir bhi chup rehna hai?
In the Pink: A Quiet Rebellion of Strength, Skin, and Stillness
गुलाबी में विद्रोह
जब मैंने पहली बार ‘इन द पिंक’ देखा, तो सोचा - ‘अरे ये क्या है? कोई स्टाइलिश पोस्टर?’ लेकिन फिर समझा - ये कोई पोज़ नहीं है। ये सांस है।
मौनता = मजबूती
आखिरकार, कभी-कभी सबसे ज़बरदस्त हथियार… चुपचाप होता है। जब सारा महँगा प्रेजेंटेशन, परफॉरमेंस… सब समाप्त होता है, तब वह सिर्फ ‘अपने’ के लिए मौजूद होती है।
क्या? पिंक?!
इंडियन महिला के सपनों में ‘गुलाबी’ = कपड़े के प्रदर्शन। यहाँ? ‘गुलाबी’ = आश्रय, आत्म-महत्व, अपने संघर्ष के सच।
कमेंट करो: “अगर 2AM पर कफ़िया ठंडी हुई है… you’re not alone. इसके ‘एवर’ (in) ‘एवर’ (out) – only you know.” 😅
In the Hush of Dusk: A Woman’s Quiet Rebellion in Purple Light
परिवार की बातों का अंत
मम्मी ने कहा था: ‘खूबसूरती छुपाओगी तभी जिंदा रहोगी।’ पापा: ‘जब स्ट्रॉन्ग होना हो, हील्स पहनो।’ लेकिन मैंने सोचा—अब कितनी बार ‘मुझे सही’ कहकर मुझे समझाया?
सिलेंस = सुप्रीमेसी
वो परफेक्ट पॉज़? कल्पना में है। असल में? आँखें बंद… साँस में हलचल… एक-एक पैर के टपकने पर — ये मेरा हुकूमत है!
2 AM कि स्क्रॉलिंग?
तुम्हारा इंटरनेट चलता है? तो मेरा आत्म-अस्तित्व कभी-कभी पढ़ता है। चुपचाप… पर प्रभावशाली।
ये #InTheHushOfDusk – 📸 #PurpleLightRebellion
अगर तुम्हें भी ‘छुप’ करने के বजায़ ‘हाजिर’ होने में मज़ा आता है… toh comment karo: “I am here.” 😌✨ (और haan… इंटरनेट = घड़ि ?)
#SilenceIsPower #DesiGirlEnergy
When Red Meets the Horizon: A Silent Poem in the Last Light
अरे भई! जब लाल आसमान में हरा कोई मास्क पहनकर खड़ा होता है… तो समझो कि कोई ‘चुप्पी’ की पोएमिक सेटिंग में है। 😅
ये तो सिर्फ ‘इंस्टा पोस्ट’ नहीं, बल्कि ‘दिल की सुनी हुई मौत’ है।
क्या मैंने सही कहा? 👀 अगर हाँ, तो ‘लाइक’ करो… वरना मैं सचमुच ‘चुप्पी’ में ही रहूँगी। 😏
When Silence Becomes the Loudest Language: A Red-Haired Goddess in Morning Light, Alone, Yet Fully Seen
अरे भाई! ये वो चुप्पी है जिसे किसीने ‘लाउड’ कह दिया… मैंने तो सोचा कि मैंने सिर्फ़ iPhone से पिक्चर लिया, पर ये सब कुछ ‘क्रेटिव’ हो गया! 🌅 मेरी पॉटेड प्लांट की शाम कोई समझता है? हाँ! मगर मैंने AI से ‘गोल्ड डस्ट’ कलर करवाया — abe हुआ! 😂 #मैंभीएकदमकफ़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्j अबतो पहली-ब्रेथ में ‘शाम’ हुई… आपका कमेंट? 👇
When a Virtual Muse Plays Moonlight: A Digital Dream of Light, Lace, and Longing
ये वर्चुअल म्यूज़ किसी की माँ की ज़िक्र के पीछे छिपी है… पर सच्चाई? सुनते हैं! 🎹\nमेरी माँ कहती हैं — “पुराना संगीत सुनकर पास होगा”… \nमैंने सोचा: “AI कलर टूल्स से भावना को बदलो!” \nआजकल 2025 में… पियानो पर हथेलेस-एआई-ट्रिक्स। \nड्रेस सफेद है… पट्टी लाल है… \nऔर मन में?…\nखालीपन।\nकिसको पसंद है? \nवो सभी “शहर”।
Личное представление
दिल्ली की धूप में खोई हुई एक छाया। मैं सौम्या हूँ – जो आँखों में सिर्फ प्रकाश को देखती हूँ, कभी-कभी उसे कैद करने के लिए। मेरे पास कहानियाँ हैं… सिर्फ तस्वीरों में। #एवीवीके #अदलबदल_अपने_तरीके से।

