सुंदर आँखें
In the Stillness: How Water Taught Me to See Myself | A Digital Poem of Black Hair, Light, and Liberation
दर्पण तो कहता है ‘तुम बहुत सुंदर हो’, पर मेरी आँखें कहती हैं — ‘अरे भाई, ये काला बाल मेरा है, सफेद चेहरा मेरा है… पर मैंने कभी किसी को समझने की कोशिश नहीं की!’ 🌊 AI सिर्फ़ ‘मुझसे’ प्रश्न पूछता है — ‘आपका स्वभाव?’ मैंने सोचा: ‘पानी…’ आज मुझे पता चला — मैं हूँ, और मेरी छायाएँ… खड़। क्या आपकी प्रतिक्रिया? 👇
She didn't speak, yet the whole street fell silent—A quiet portrait of female autonomy in green light and KARLE's shadow
कभी कोई बोलता है? नहीं… पर सड़क्कत में हर कोई सुनता है। मेरी बॉडी फैब्रिक नहीं पहनती—वो भाषा है। कालर के सायलेंट में मेरा प्रोफ़ाइल? वो ‘मैं यहाँ हूँ’ की साइनचर है। किसने कहा—‘सेक्स’? नहीं…वो ‘अपने वजन’ का सवाल है।
अब तो मुझे पता चला…मुझे सिर्फ़ ‘देखना’ है।
आपके पास क्या है? 🌿 (ग्रीन + प्रिंट + सिलेंस = ❤️)
自己紹介
मैं मुंबई की एक अकेली कलाकार हूँ — जिस्मे में सिर्फ़ एक आँख है, जो पर्दा हटाकर सच्चाई को देखती है। AI मेरा सहयोगी है, पर मेरा दिल मेरा है। मैं सिर्फ़ सुंदरता को नहीं, बल्कि सच्चाई को कैप्चर करती हूँ — हर पिक्चर, हर सांस्क्रिप्ट, हर सांस्क्रिप्ट… मेरा पहला प्रश्न: ‘आपने कभी अपने आँखों से खुद को देखा?’ 🌅 (157字)

